फाइनेंस मिनिस्ट्री ने मौजूदा इंडिया स्टाम्प एक्ट 1899 को बदलने के लिए 'इंडियन स्टाम्प बिल, 2023' का प्रस्ताव रखा। नया ड्राफ्ट डिजिटल स्टांप और साइन जैसे प्रावधानों को शामिल करते हुए आधुनिक स्टांप ड्यूटी व्यवस्था के अनुरूप होगा। हालांकि स्टाम्प ड्यूटी क्या है और इसकी कैलकुलेशन कैसे की जाती है? 99acres आपको इसका जवाब विस्तार से देगा।
स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस उन अतिरिक्त लागतों में से हैं जो एक घर खरीदार को प्रॉपर्टी खरीदने के बाद चुकानी पड़ती हैं। यह देखते हुए कि भारत के शहरों में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन रेट्स अलग-अलग हैं, एक स्टांप ड्यूटी कैलकुलेटर आसानी से नए प्रॉपर्टी मालिकों को उनके संबंधित राज्यों में पेमेंट की जाने वाली स्टांप ड्यूटी के सटीक अमाउंट का पता लगाने में मदद कर सकता है। स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस, कैलकुलेशन फॉर्मूला और अलग-अलग शहरों में चल रहे रेट्स के बारे में जानने के लिए यह आर्टिकल पढ़ें।
स्टाम्प ड्यूटी क्या है?
स्टाम्प ड्यूटी एक प्रकार का प्रॉपर्टी टैक्स है जो खरीदार द्वारा नई प्रॉपर्टी खरीदते समय राज्य सरकार को पेमेंट की जाती है। इस ड्यूटी की पेमेंट आपकी प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन को मान्य करती है, जो ओनरशिप के लीगल प्रूफ के रूप में कार्य करता है। भारत में, स्टाम्प ड्यूटी के रेट्स प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू के चार प्रतिशत से नौ प्रतिशत के बीच होते है।
यह भी ध्यान रखना जरुरी है कि स्टांप ड्यूटी चार्जेस राज्यों या खरीदार के जेंडर के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ राज्य महिला घर खरीदारों के लिए थोड़ी रियायत दे सकते हैं।
ज्यूडिशियल एवं नॉन-ज्यूडिशियल स्टाम्प
जब आपके पास पहले से ही पाइपलाइन में घर खरीदने जैसा भारी निवेश हो, तो स्टाम्प ड्यूटी की पेमेंट एक अतिरिक्त खर्च की तरह लग सकता है। हालाँकि, यह अनिवार्य चार्ज अक्सर राज्य द्वारा अनिवार्य होता है यदि घर खरीदार अपनी प्रॉपर्टी खरीद को कानूनी रूप से दर्ज करना चाहते हैं।
कहने की जरूरत नहीं है कि फिजीकली स्टांप ड्यूटी की पेमेंट करते समय सही स्टांप प्रकार का चयन करना महत्वपूर्ण है। आइए हम आपको ज्यूडिशियल और नॉन-ज्यूडिशियल स्टांप के बीच क्या अंतर होता है उसके बारे में बताते है।
न्यायिक स्टाम्पों को आमतौर पर चल रहे मुकदमे के लिए कोर्ट फीस के रूप में माना जाता है। इसमें जमीन पर कब्ज़ा, ओनरशिप पर लड़ाई आदि के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शामिल है। दूसरी ओर, किसी भी रियल एस्टेट मामले पर नॉन-ज्यूडिशियल स्टांप लगाए जाते हैं, चाहे वह सेल डीड्स जैसे लेनदेन के समझौतों के लिए हो या स्टांप ड्यूटी जैसे टैक्सेज के लिए हो। ये आमतौर पर एक बार के चार्जेस होते हैं और ऑनलाइन स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर आपको यह समझने में मदद कर सकता है कि आपके राज्य के आधार पर कितनी पेमेंट करनी है।
ऑनलाइन स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर 2024
इस ऑनलाइन स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर का उपयोग करके सेकंड के भीतर स्टाम्प ड्यूटी की कैलकुलेशन कैसे करें, इसके बारे में यहाँ नीचे बताया गया है:
Stamp Duty Calculator
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस क्या हैं?
प्रत्येक खरीदार को सेलर से खरीदार को ओनरशिप के कानूनी ट्रांसफर का डॉक्यूमेंटेशन करने के लिए राज्य सरकार के साथ सेल डीड को रजिस्टर करना आवश्यक है। इसे रजिस्ट्रेशन चार्जेस के रूप में भी जाना जाता है। यह प्रोसेस इंडियन रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 द्वारा शासित होती है, जो डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन के लिए दिशानिर्देश प्रदान करती है। जबकि स्टांप ड्यूटी फीस राज्यों के बीच अलग-अलग होता है, रजिस्ट्रेशन चार्जेस आमतौर पर प्रॉपर्टी की वैल्यू की एक प्रतिशत होती है।
यह भी पढ़ें: प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस कैलकुलेटर
स्टाम्प ड्यूटी की कैलकुलेशन का फॉर्मूला क्या है?
स्टांप ड्यूटी की कैलकुलेशन रेडी रेकनर रेट पर की जाती है, जिसे प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू या सर्कल रेट के रूप में भी जाना जाता है। नीचे दी गई टेबल एक उदाहरण का हवाला देते हुए कैलकुलेशन फॉर्मूले को और विस्तार से बताती है-
भारत में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस कैलकुलेशन | |
---|---|
प्रॉपर्टी की लागत | 50 लाख रुपये |
एरिया में सर्किल रेट | 5,000 रुपये प्रति वर्ग फुट |
स्टाम्प ड्यूटी रेट | 6% |
स्टाम्प ड्यूटी पेयबल | 50 लाख रुपये का 6% = 3 लाख रुपये |
रजिस्ट्रेशन चार्जेस | 1% |
रजिस्ट्रेशन चार्जेस पेयबल | 50,000 रुपये |
कुल पेयबल स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस | 3.5 लाख रुपये |
यह भी पढ़ें: भारत में राज्यवार स्टांप ड्यूटी चार्जेस
स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेशन: क्या शामिल है और क्या नहीं?
खरीदारों को यह समझने में मदद करने के लिए यहाँ नीचे कुछ सामान्य उदाहरण दिए गए हैं कि स्टांप ड्यूटी की पेमेंट के दायरे में क्या आता है।
क्या होम लोन में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस शामिल हैं?
नहीं, बैंक द्वारा सैंक्शंड होम लोन अमाउंट में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस शामिल नहीं हैं। यह एक अतिरिक्त लागत है जो खरीदार को चुकानी पड़ती है। हालाँकि, कोई व्यक्ति ऐसे चार्जेस की पेमेंट करने के लिए एक अलग पर्सनल लोन का विकल्प चुन सकता है।
क्या हमें अन्य रियल एस्टेट एग्रीमेंट्स के लिए स्टांप ड्यूटी की पेमेंट करनी होगी?
इंडियन स्टाम्प एक्ट, 1899 और इंडियन रजिस्ट्रेशन एक्ट के सेक्शन 17 के अनुसार, कुछ डॉक्यूमेंट्स पर यदि ठीक से मुहर नहीं लगाई गई और रजिस्टर नहीं किया गया तो उनकी ऑथेंटिसिटी खोने का खतरा हो सकता है। इनमें से कुछ डॉक्यूमेंट्स में शामिल हैं-
- जमीन, प्लॉट और प्रॉपर्टी जैसी अचल संपत्तियों (immovable assets) की गिफ्ट डीड
- लीज या रेंटल एग्रीमेंट्स
- प्रॉपर्टीज की बिक्री या ट्रांसफर डीड
- बेचने का एग्रीमेंट
क्या स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस खरीदी गई प्रॉपर्टी के प्रकार पर निर्भर करते हैं?
नहीं, रजिस्ट्रेशन और स्टांप ड्यूटी चार्जेस समान रहते हैं, चाहे आप किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी खरीदें। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन चार्जेस की कैलकुलेशन सर्कल रेट या प्रॉपर्टी की ओवरऑल मार्केट वैल्यू के आधार पर की जाती है और ये राज्य सरकार द्वारा शासित होते हैं। हालाँकि, कुछ मामलों में, स्टाम्प ड्यूटी या रजिस्ट्रेशन प्रतिशत इनवेस्टमेंट या ट्रांसफर टाइप के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश या एपी रजिस्ट्रेशन चार्जेस कैलकुलेटर अचल संपत्ति की बिक्री के लिए एक प्रतिशत और अधिकतम 10,000 रुपये वैल्यू के गिफ्ट डीड्स के लिए 0.5 प्रतिशत पर विचार करता है।
स्टाम्प ड्यूटी पेमेंट: समयसीमा और जुर्माना क्या है?
नीचे दिया गया सेक्शन स्टांप ड्यूटी की पेमेंट कब करनी है, चार्जेस की पेमेंट करने के लिए कौन जिम्मेदार है और पेमेंट में चूक हो जानें पर कितना जुर्माना लगता है उसके बारे में बताएगा।
स्टाम्प ड्यूटी की पेमेंट कब की जानी चाहिए?
प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराते समय आमतौर पर स्टांप ड्यूटी अमाउंट की पेमेंट की जाती है। अमाउंट की पेमेंट डॉक्यूमेंट के एग्जीक्यूशन के दिन किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: प्रॉपर्टी पर स्टांप ड्यूटी की पेमेंट कैसे करें?
स्टांप ड्यूटी चार्जेस की पेमेंट किसे करना होगी?
हालाँकि स्टांप ड्यूटी की पेमेंट आमतौर पर घर खरीदार द्वारा किया जाता है, कुछ मामलों में, पेमेंट खरीदार और सेलर दोनों द्वारा शेयर किया जा सकता है। हालाँकि, इस व्यवस्था का लीगल एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से मेंशन किया जाना चाहिए और पार्टियों के बीच साइंड होना चाहिए। ऐसे मामलों में शेयर का अमाउंट अलग-अलग हो सकता है।
यदि कोई खरीदार अपर्याप्त स्टांप ड्यूटी की पेमेंट करता है तो क्या होगा?
यदि घर खरीदार अपनी प्रॉपर्टी पर अपर्याप्त स्टांप ड्यूटी की पेमेंट करता है, तो उसे दंडित किया जाएगा। इस तरह के उल्लंघन के लिए जुर्माने की मात्रा अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है। आमतौर पर, उल्लंघनकर्ता को वास्तविक स्टांप ड्यूटी का आठ प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक जुर्माना का अमाउंट या कारावास या दोनों का भुगतान करना पड़ता है।
क्या मैं स्टाम्प ड्यूटी चार्जेस से बच सकता हूँ?
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्टांप ड्यूटी से बचाव या चोरी के खिलाफ कानून अलग-अलग राज्यों में काफी अलग-अलग हो सकते हैं। इंडियन स्टाम्प एक्ट, 1908, एक केंद्रीय कानून, सामान्य दंड निर्धारित करता है, जिसमें जुर्माना या 12 महीने तक की जेल हो सकती है।
उदाहरण के लिए, बिहार, केरल, ओडिशा आदि राज्यों में, चोरी करने वाले के लिए दंड में चोरी किये गए अमाउंट पर 20 प्रतिशत जुर्माना या एक साल तक की संभावित जेल की सजा शामिल हो सकती है।
मैं प्रॉपर्टी खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी कैसे बचा सकता हूँ?
हालाँकि स्टांप ड्यूटी जरुरी है, लेकिन इस पर पैसे बचाने के कुछ तरीके हैं, जिनके बारे में यहाँ नीचे जानकारी डी गयी है:
- महिला के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदें: यदि प्रॉपर्टी किसी महिला के नाम पर रजिस्टर्ड है तो कुछ राज्य स्टांप ड्यूटी पर छूट देते हैं। उदाहरण के तौर पर दिल्ली में महिलाओं को 4 फीसदी और पुरुषों को 6 फीसदी स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ती है।
- किफायती हाउसिंग में निवेश करें: सरकार ने किफायती हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीम्स शुरू की हैं, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)।इन स्कीम्स के तहत रजिस्टर्ड प्रॉपर्टीज पर आमतौर पर कम स्टांप ड्यूटी रेट्स लगते हैं।
- जॉइंट ओनरशिप का विकल्प चुनें: किसी अन्य व्यक्ति के साथ जॉइंटली प्रॉपर्टी खरीदने और दोनों पक्षों के बीच स्टांप ड्यूटी लायबिलिटी शेयर करने से कुल लागत कम हो सकती है।
- ग्रामीण प्रॉपर्टी में निवेश करें: कुछ राज्यों में, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रॉपर्टीज के लिए स्टांप ड्यूटी रेट्स शहरी क्षेत्रों की तुलना में कम हैं।
- अलग-अलग होम लोन के विकल्पों पर विचार करें: जिन खरीदारों ने प्रॉपर्टी खरीदने के लिए होम लोन लिया है, वे इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस पर 1,50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
क्या स्टाम्प ड्यूटी में GST शामिल है?
गुड्स एंड सर्विसेज और स्टांप दो अलग-अलग प्रकार के टैक्स के रूप हैं। GST अंडर कंस्ट्रक्शन घरों पर लगाया जाता है जबकि स्टाम्प ड्यूटी तब लगाई जाती है जब कोई प्रॉपर्टी एक मालिक से दूसरे मालिक को ट्रांसफर की जाती है।
स्टाम्प ड्यूटी के लिए प्रॉपर्टी की वैल्यू को कैसे कैलकुलेट करें?
स्टांप ड्यूटी पेमेंट के लिए प्रॉपर्टी की वैल्यू को कैलकुलेट करने के लिए, किसी को अपने संबंधित शहर या राज्य में सर्कल रेट या रेडी रेकनर रेट, गाइडेंस वैल्यू और गाइडेंस वैल्यू को ध्यान में रखना होगा। उदाहरण के लिए, दिल्ली के लिए स्टांप ड्यूटी कैलकुलेटर पुरुषों के लिए स्टांप ड्यूटी रेट को कुल मार्केट वैल्यू का छह प्रतिशत और महिलाओं के लिए कुल मार्केट वैल्यू का चार प्रतिशत दर्ज करता है।
प्रॉपर्टी की वैल्यू निर्धारित करने के लिए कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी के निर्मित क्षेत्र के साथ इलाके के सर्कल रेट को मल्टीप्लाई भी कर सकता है। प्रॉपर्टी लेनदेन की वास्तविक वैल्यू के बजाय इस मार्केट वैल्यू पर स्टांप ड्यूटी की पेमेंट की जाती है।
स्टाम्प ड्यूटी रिफंड के लिए अप्लाई कैसे करें?
खरीदार सेल डीड कैंसलेशन, असफल रजिस्ट्रेशन पेमेंट, या अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी पेमेंट के मामलों में पेमेंट किये गए अमाउंट की वापसी शुरू कर सकते हैं।
स्टाम्प ड्यूटी रिफंड प्रोसेस शुरू करने के लिए, खरीदार को संबंधित राज्य के रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के साथ एक एप्लीकेशन दाखिल करनी होगी। इस एप्लीकेशन में मूल सेल एग्रीमेंट और कैंसलेशन डीड की एक कॉपी शामिल होनी चाहिए। ध्यान दें कि रिफंड में केवल स्टांप ड्यूटी शामिल है और रजिस्ट्रेशन चार्जेस शामिल नहीं है।
टॉप 8 मेट्रो शहरों में स्टाम्प ड्यूटी रेट्स
नीचे दी गई टेबल भारत के टॉप आठ मेट्रो शहरों में चल रही स्टांप ड्यूटी रेट्स को शेयर करती है-
शहर | स्टाम्प ड्यूटी रेट्स |
---|---|
दिल्ली | पुरुष के लिए 6% |
महिला के लिए 4% | |
मुंबई | पुरुष के लिए 6% |
महिला के लिए 5% | |
बैंगलोर | 5% (45 लाख रुपये और उससे अधिक कीमत वाली प्रॉपर्टीज के लिए) |
3% (21 से 45 लाख रुपये के बीच कीमत वाली प्रॉपर्टीज के लिए) | |
2% (20 लाख रुपये से कम कीमत वाली प्रॉपर्टीज के लिए) | |
पुणे | पुरुष के लिए 7% |
महिला के लिए 6% | |
हैदराबाद | 4% |
चेन्नई | 7% |
कोलकाता | 6% (25 लाख रुपये से कम कीमत वाली प्रॉपर्टीज के लिए) |
7% (25 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली प्रॉपर्टीज के लिए) | |
अहमदाबाद | 4.90% |
सोर्स: सेकेंडरी
स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स
ऐसे कई फैक्टर्स हैं जो किसी क्षेत्र की स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस को प्रभावित करते हैं, जैसे-
- मालिक की उम्र: भारत में अधिकांश राज्य सीनियर नागरिकों को सब्सिडी प्रदान करते हैं। इसलिए, यदि मालिक वृद्धावस्था सीमा में आता है, तो उनके लिए स्टांप ड्यूटी चार्जेस कम होंगे।
- खरीदार का जेंडर: कुछ राज्य इस क्षेत्र में अधिक महिला ओनरशिप को प्रोत्साहित करने के लिए महिला होमओनर को स्टांप ड्यूटी चार्जेस पर एक से दो प्रतिशत की छूट प्रदान करते हैं।
- खरीद का उद्देश्य: खरीद का उद्देश्य या प्रॉपर्टी का प्रकार यह भी तय करता है कि उस पर कितनी स्टांप ड्यूटी लगेगी। उदाहरण के लिए, कमर्शियल प्रॉपर्टीज पर रेसीडेंशियल प्रॉपर्टीज की तुलना में अधिक स्टांप ड्यूटी चार्जेस लग सकते है।
- लोकेशन: शहरी हाई क्षेत्र में या नगरपालिका सीमाओं के भीतर एक प्रॉपर्टी पर बाहरी इलाके या ग्रामीण क्षेत्रों की प्रॉपर्टीज की तुलना में अधिक स्टांप ड्यूटी चार्जेस शुल्क लगेंगे।
- उपलब्ध सुविधाएं: भारत सरकार प्रॉपर्टी द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रत्येक सुविधा के लिए अतिरिक्त चार्जेस लेती है, जिसमें स्विमिंग पूल, क्लब, पुस्तकालय, कम्युनिटी हॉल और स्पोर्ट्स एरिया आदि जैसे लाभ शामिल हैं।
- चालू मार्केट वैल्यू: प्रॉपर्टी की कीमतें उनकी मार्केट वैल्यू के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं, जिसका अर्थ है कि सर्कल रेट में उतार-चढ़ाव सीधे उस प्रॉपर्टी की स्टांप ड्यूटी वैल्यू को प्रभावित कर सकता है।
स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स क्या हैं?
एक घर खरीदार को प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराते समय और उसकी स्टाम्प ड्यूटी की पेमेंट करते समय यहाँ नीचे दिए डॉक्यूमेंट्स प्रस्तुत करने होंगे-
- सेल एग्रीमेंट
- खाता सर्टिफिकेट
- सेल डीड
- हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए सोसाइटी शेयर सर्टिफिकेट, सोसाइटी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और अपार्टमेंट एसोसिएशन से एनओसी की फोटोकॉपी की आवश्यकता होती है
- अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टीज के लिए, सैंक्शंड बिल्डिंग प्लान, बिल्डर से पजेशन लेटर और बिल्डर खरीदार एग्रीमेंट प्रस्तुत करना जरुरी है
- जमीन खरीद के लिए, मालिक के टाइटल डॉक्यूमेंट्स, 7/12 एक्सट्रेक्ट और अधिकारों और किरायेदार कोर के रिकॉर्ड को प्रोड्यूस करना जरुरी है
- जॉइंट प्रॉपर्टीज के लिए, संभावित मालिक के पास एक जॉइंट डेवलपमेंट और बिल्डर और मकान मालिक के बीच एक डेवलपमेंट एग्रीमेंट होना चाहिए
- रीसेल प्रॉपर्टीज के लिए, सभी रजिस्टर्ड एग्रीमेंट्स की कॉपीज आवश्यक हैं
- हाल ही के रीसेंट बैंक स्टेटमेंट्स
- पिछले तीन महीनों में टैक्सेज की कॉपीज
- एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट
- पॉवर ऑफ अटॉर्नी
स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस की पेमेंट कैसे करें?
स्टाम्प ड्यूटी की पेमेंट ऑनलाइन और ऑफलाइन करने के कई तरीके हैं। आप नीचे दिए गए मेथड्स में से कोई एक चुन सकते हैं:
फिजिकल स्टाम्प पेपर्स: यह स्टाम्प ड्यूटी चुकाने का सबसे आम तरीका हुआ करता था। खरीदार रजिस्टर्ड विक्रेताओं से डॉक्यूमेंट्स प्राप्त करते थे जिस पर प्रॉपर्टी का ब्योरा और एग्रीमेंट टाइप होता था। फिजिकल स्टाम्प पेपर्स अभी भी उन मामलों के लिए उपयोग में हैं जहां स्टाम्प ड्यूटी बहुत ज्यादा नहीं है जैसे लीज डीड, मॉर्गेज डीड आदि।
ई-स्टाम्पिंग: यह स्टाम्प ड्यूटी चुकाने का सबसे सामान्य और सुविधाजनक तरीका है। खरीदार ऑनलाइन राशि का भुगतान कर सकते हैं या बैंक में जमा कर सकते हैं और चालान हासिल कर सकते हैं। एप्लीकेशन तैयार करने के लिए चालान पर मेंशन पावती संख्या (acknowledgement number) SHCIL पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज की जाती है। खरीदार इसे कलेक्शन सेंटर में जमा कर सकते हैं और ई-स्टांप पेपर प्राप्त कर सकते हैं।
फ्रैंकिंग: यह स्टांप ड्यूटी की पेमेंट करने का एक और तरीका है, लेकिन यह बहुत आम नहीं है क्योंकि अधिकृत फ्रैंकिंग एजेंट प्रोसेस के दौरान अतिरिक्त फ्रैंकिंग चार्ज लगाता है। आम तौर पर, बैंक फ्रैंकिंग प्रोसेस को ऑपरेट करते हैं और इस मेथड का उपयोग करने के लिए मिनिमम अमाउंट की आवश्यकता होती है।
स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस की सटीक कैलकुलेशन के लिए टिप्स
खरीदारों को उनकी स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस की कुशलतापूर्वक कैलकुलेशन करने में मदद करने के लिए यहाँ नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं-
सटीक प्रॉपर्टी वैल्यूएशन का करें प्रयोग
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस की कैलकुलेशन में प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू प्रमुख फैक्टर्स में से एक है। आरोपों को कम या अधिक आंकने से बचने के लिए सटीक प्रॉपर्टी वैल्यूएशन का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस करें वेरिफाई
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकते हैं। चार्जेस की सटीक कैलकुलेशन सुनिश्चित करने के लिए अपने संबंधित राज्य के रेवेन्यू डिपार्टमेंट या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से रेट्स को वेरिफाई करना महत्वपूर्ण है।
ऑनलाइन कैलकुलेटर का करें उपयोग
ऑनलाइन स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस कैलकुलेटर चार्जेस की कैलकुलेशन का एक सुविधाजनक और सटीक तरीका है। ये कैलकुलेटर चार्जेस का सटीक अनुमान प्रदान करने के लिए वर्तमान रेट्स और प्रॉपर्टी वैल्यूज को ध्यान में रखते हैं।
भारत में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस: लेटेस्ट अपडेट 2024
केंद्र सरकार ने मौजूदा इंडियन स्टाम्प एक्ट 1899 में अलग-अलग प्रावधानों को संशोधित करने के लिए एक नया विधेयक प्रस्तावित किया है। फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा है कि वर्तमान में प्रचलित इंडियन स्टाम्प एक्ट में कई प्रावधान पुराने या अनावश्यक हैं। इसके अलावा, प्रस्तावित विधेयक स्टांप ड्यूटी भुगतानकर्ताओं की सहायता करने और लेटेस्ट तकनीक का उपयोग करके पूरी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए तैयार किया गया है।
टॉप शहरों में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस
अपने पसंदीदा राज्य/शहर में चल रही स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस के बारे में अधिक जानने के लिए यहाँ नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
मुंबई में स्टाम्प ड्यूटी और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस
अहमदाबाद में स्टाम्प ड्यूटी और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस
नोएडा, ग्रेटर नोएडा में स्टांप ड्यूटी और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस
आंध्र प्रदेश में स्टांप ड्यूटी और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस
कोलकाता में स्टांप ड्यूटी और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस
हैदराबाद में स्टांप ड्यूटी और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस
गुड़गांव में स्टांप ड्यूटी और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस
गाजियाबाद में स्टांप ड्यूटी और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन चार्जेस
दिल्ली में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस
स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेस रियल एस्टेट खरीदने और बेचने की प्रक्रिया में शामिल दो सबसे आवश्यक प्रॉपर्टी टैक्स हैं। हालाँकि दोनों अनिवार्य हैं, उनके रेट्स शहरों, मालिक के जेंडर और अन्य फैक्टर्स के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अलावा, ऊपर दिए कैलकुलेटिंग फार्मूले के साथ स्टाम्प ड्यूटी चार्जेस की कैलकुलेशन मैन्युअल रूप से करना संभव है, लेकिन ऑनलाइन स्टाम्प ड्यूटी कैलकुलेटर का उपयोग करना कई लोगों के लिए एक तेज और आसान समाधान हो सकता है।
किसी प्रॉपर्टी के स्टांप ड्यूटी चार्जेस की कैलकुलेशन कैसे करें? इस पर हमारी लेटेस्ट वेबस्टोरी देखें